नईदिल्ली। देश के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली प्रदेश की केजरीबाल सरकार को बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रपति ने संसदीय सचिव के...
नईदिल्ली। देश के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली प्रदेश की केजरीबाल सरकार को बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रपति ने संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर रखने संबंधित दिल्ली सरकार के विधेयक को मंजूरी देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने यह बिल लौटा दिया है और अब बिल लौटाने के बाद संसदीय सचिव बनाए गए केजरीबाल के 21 विधायकों की नियुक्ति पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। इन विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली में 21 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी संभव है। इस पूरे मामले से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीबाल ने नाराजगी जाहिर की है और उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी न तो खुद कोई काम करते हैं और न दूसरों को काम करने देते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें मोदी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। जबकि आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कही है। अब देखना यह है कि राजनीतिक रूप से इस घटना का किसे परोक्ष और अपरोक्ष फायदा मिलता है और किसी परोक्ष या अपरोक्ष नुकसान। बहरहाल सबसे पहले तो अंतिम निर्णय तक सबको इंतजार करना पड़ेगा।
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