नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल रेसीडेंस पर बीते रोज हुईळ एक हाईलेवल मीटिंग में पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग कर आतंकवादी देश डिक...
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल रेसीडेंस पर बीते रोज हुईळ एक हाईलेवल मीटिंग में पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग कर आतंकवादी देश डिक्लेयर करवाने की स्ट्रैटजी पर चर्चा हुई। इसमें फैसला किया गया कि डिप्लोमैसी और ट्रेड को लेकर भी अब एग्रेसिव एप्रोच दिखाई जाए। भारत ने इस बारे में अमेरिका और रूस से भी बात की है। इसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं। रूस ने पाकिस्तान के साथ इस साल के आखिर में होने वाली न केवल ज्वाइंट मिलिट्री ड्रिल कैंसल कर दी बल्कि एमआई-35 हेलिकॉप्टर बेचने की डील भी रद्द कर दी। इस बीच भारत ने यूएन में पाकिस्तान को आतंकियों का सपोर्ट करने को लेकर जमकर फटकार लगाई है। यूएन में भारत ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में कहा कि वह कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने के बजाय आतंकियों के बेस खत्म करे। साथ ही वह, पाकिस्तान की धरती पर आजाद घूम रहे टेररिस्ट हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन पर लगाम लगाए। भारत ने यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल में ये भी कहा कि कश्मीर में हालात बिगडऩे और अशांति की मुख्य वजह सीमापार से होने वाला आतंकवाद है जिसे पाकिस्तान प्रमोट करता है।भारत का ये भी कहना है कि कश्मीर में जो यूथ्स जवानों पर पत्थर चलाते हैं, उन्हें भी पाकिस्तान ही भड़काता है। ये पाक की पॉलिसी का हिस्सा है। बच्चों को पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स उकसाते हैं और संदेश भेजते रहते हैं।भारत ने यूएन में ये बातें तब कहीं जब भारत में पीएम के घर हुई मीटिंग में इंटरनेशनल फोरम्स में पाक को अलग- थलग करने की बात कही गई।
नवंबर में पाकिस्तान में होने वाले सार्क समिट में मोदी जाएंगे या नहीं, इस पर फैसला नहीं हुआ है।
चीन ने क्या कहा? चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने सोमवार को एक बयान में कहा- हम उड़ी में हुए हमले की निंदा करते हैं। कश्मीर मसले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव है उसको बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।
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