सांच को नहीं कोई आंच, मोदी और नोटबंदी

गोवा में जिस अंदाज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बोलते हुए देखा गया वह अंदाज पहले से कही ज्यादा जुदा था और वाकई जिस व्यक्ति ने द...


गोवा में जिस अंदाज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बोलते हुए देखा गया वह अंदाज पहले से कही ज्यादा जुदा था और वाकई जिस व्यक्ति ने देश के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया हो, नोटबंदी कर अपनी जान आफत में डाली हो और सबकुछ दांव पर जा लगाया हो उसके शब्द उसका रूदन और उसकी आत्मा यदि यह अंदाज नहीं रखती तो वाकई सबकुछ बेकार है। देश भले ही इन दिनों लाइन में लगकर कर्राहट उजागर कर रहा हो, लेकिन नरेन्द्र मोदी का सांच को आंच नहीं वाला अंदाज देश के हर उस ईमानदार शख्स को जगाने में कामयाब हुआ है जिसने अपेक्षा मोदी से कुछ इस तरह की ही की थी। यह तो कोई साधारण बात नहीं है, एक ईमानदार आदमी को तो ऐसा सोचना ही था। बात बड़ी वह है जब मोदी का रूदन भरा अंदाज और आत्मा से निकलती आवाज को उन मुठ्ठीभर बेइमानों ने भी सुना तो उनके ह्दयों में भी पश्चाताप के आंसू जा भरे और ऊपरी मन से या अपने लाभ-हानि के दृष्टिगत वह भले ही कोई भी बयानबाजी कर रहे हो जनता के छोटे से दर्द को बढ़ाचढ़ाकर प्रस्तुत कर रहे हों, लेकिन उनकी अंतरआत्मा जानती है कि मोदी का एक-एक शब्द लाजमी है। रीढ की हड्डी टूटने की नौबत जब आ बनी इस देश की तब इस देश में नोटबंदी का फैसला ही मात्र एक ऐसा फैसला था जो देश को करबट दिला सकता था और एक दूरदर्शी मेहनतकश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसा ही किया। भारतीय अर्थव्यवस्था पर न केवल काले धन ने प्रहार किया था बल्कि इस व्यवस्था पर आतंकवाद, जाली करंसी का भी व्यापक हमला था। ऐसे में स्वच्छ भारत का सपना देखने वाला भारत का यह प्रधानमंत्री ऐसा न करता तो क्या करता। हर कदम पर अपने ईशारो-इशारों में देश की जनता को और चंद मुट्ठीभर बेइमानों को खूब समझाने की कोशिश में लगे रहने के बावजूद उसकी बात को किसी ने नहीं समझा और एक ऐसा कारनामा सामने आया जिसने मोदी की दूरदृष्टि, कार्यकुशलता, धैर्य और ईमानदारी, बेवाकी सबकुछ बिना बोले ही सामने ला खड़ी की। ऐसे में यह देश के लिए अग्रिपरीक्षा से कम नहीं है कि देश इन 50 दिनों में अपनी तरफ से क्या योगदान करता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साफ कहना है कि उन्होंने परिवार, धन, संपत्ति सबकुछ देश के लिए छोड़ा है। हमें तो कुछ दिन अपने-अपने पेट पर कपड़ा बांधकर बिताने है और चंद घंटे लाइन में रहकर अपनी ईमानदारी का पैसा बदलना है। जरा सोचिए भयानक सर्द हवाओं के बीच जब एक सैनिक सियाचीन की चोटियों पर रहकर देश की सुरक्षा कर सकता है, एक बैंक कर्मचारी लगातार कई घंटों तक देश का भला करने के लिए काम कर सकता है, रिटायर बैंक कर्मचारी मदद के लिए आगे आ सकता है, देश का प्रधानमंत्री चौबीसों घंटे देश के बारे में सोचते हुए सबकुछ देश पर न्यौछावर कर सकता है तो क्या आप और मैं चंद घंटे लाइन में रहकर कुछ तकलीफ नहीं उठा सकते। मुझे तो लगता है कि ऐसे देशभर में मुठ्ठीभर लोग भी नहीं होंगे। यहां मीडिया की भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं। माना कि देश परेशान है, लोग हैरान है और परेशानी का सामना कर रहे हैं, लेकिन मीडिया को इस बात में ज्यादा रूचि है कि देश में कैसी-कैसी परेशानियां सामने आ रही हैं। अरे परेशानियां तो आनी ही थी, यदि किसी देश के साथ युद्ध होता तो संभवत: जो कुछ घर में होता बस वही गुजारे का साधन होता, आटा होता तो चून गूंधा जाता और चून नहीं होता तो भूखे सोना होता। हालात थोड़े असामान्य जरूर हैं लेकिन बदतर नहीं है। लोग जैसे भी हो, जद्दो-जहद कर दो जून की रोटी कमाने में और नोट बदलने में कामयाब हो ही रहे हैं। अरे मीडिया यह कहता कि यह देश के लिए जरूरी है, ये कड़वी दवाई है, यह नीम की गोली है, इसे खाना मजबूरी है और थोड़ी सी तकलीफ आपको और हमको जो हो रही है उसे सहना देश हित के लिए लाजमी है तो ज्यादा समझ आता, लेकिन लाइनों में खड़े लोगों के मुंह से यह सुनना कि तकलीफें हैं, पैसा नहीं मिल रहा है, एटीएम बंद है और परेशानी हो रही है ज्यादा सुखद लग रहा है। लेकिन धन्य है देश की जनता जो परेशानी का इजहार तो कर रही है, परंतु फैसले पर प्रश्र चिन्ह नहीं लगा रही। वह देश के साथ है, वह देश के प्रधानमंत्री के साथ है और चाणक्य ने तो कहा ही है जब विपक्ष की टोली में खलबली मच जाए तो समझ लो कि तुम्हारा राजा महान है। ऐसे महान राजा को पाकर क्या यह देश धन्य नहीं हो गया। राजनीति इसमें किसी को कहां दिखाई देती है जिस शख्स ने इतना कड़ा फैसला लेने के बाद इतने ताकतवर लोगों से दुश्मनी लेने के बाद अपनी जान को न केवल जोखिम में डाल दिया बल्कि अपनी पार्टी, अपनी सरकार और अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। कुछ तो ठहरकर हर देशवासी को सोचना होगा। जो प्रधानमंत्री सरेआम यह कहता हो कि 50 दिन के बाद उसकी कोई गलती निकले, उसका कोई गलत इरादा निकले तो जो सजा देश देगा मैं उसे स्वीकार करूंगा। क्या ऐसे निष्भाव प्रधानमंत्री की बात पर यकीन नहीं किया जाना चाहिए, क्या ऐसे प्रधानमंत्री को 50 दिन सेहतपूर्ण नहीं दिए जाना चाहिए। राजनीति तो विपक्ष के चंद लोग कर रहे हैं कभी जानकारी के लीक हो जाने की बात करते हैं, कभी जनता की परेशानी के साथ खड़े होकर जनता को चाय-पानी देने का स्वांग करते हैं इससे पहले जिन सरकारों ने काम किया कोई देश को बताए कि उन सरकारों ने ऐसा क्या किया जिससे हजारों, लाखों, करोड़ो देश में और देश के बहार जमा होने न पाए। यदि पिछली सरकारों ने शुरू से लगाम लगाकर रखी होती तो मोदी को यह करना न पड़ता। अब भी वक्त है संभल जाओ, जनता की नब्ज को भांप जाओ, नीति भाव और आचरण में खुद को बदल जाओ और यह जान जाओ कि वाकई सांच को आंच नहीं होती। 

अतुल गौड़

COMMENTS

नाम

अतुल का पन्ना,15,आज की मुख्य खबरें,114,आज क्या खास,20,खबरें आयुर्वेद संसार से,3,खबरें कृषि जगत से,16,खबरें खेल जगत से,17,खबरें जादुई दुनिया से,25,खबरें ज्योतिष जगत से,4,खबरें दुनिया भर की,11,खबरें देश भर की,101,खबरें धर्म जगत से,11,खबरें प्रॉपर्टी जगत से,1,खबरें फैशन की दुनिया से,2,खबरें मनोरंजन दुनिया से,22,खबरें यात्रा जगत से,3,खबरें राज्य भर की,120,खबरें रोजगार जगत से,8,खबरें वाहन जगत से,2,खबरें व्यापार जगत से,6,खबरों में जायका,2,खबरों में जीवनशैली,7,फोटो गैलरी,5,बड़ी खबरें,9,मौसम की खबरें,2,लेख-आलेख/साहित्य,47,विज्ञापन की दुनिया,9,Netcook के सहयोगी,1,
ltr
item
"कविता" हिंदी ,साहित्य ,संवाद ,कहानी ,,लेख आलेख NETCOOK NEWS: सांच को नहीं कोई आंच, मोदी और नोटबंदी
सांच को नहीं कोई आंच, मोदी और नोटबंदी
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4YdhLe8IHz5mktkp3yNhotP-WfjpWCBuewaVfU9OWASkiLEgxQl2U1mby3XgGjlaLXhkgpZi2Jctwd-6LFJHZVxMQRqTPMOGAYHrBKkkdAIfp9Nx6yxVUryQXYDcZVaNn_pyfqrLAAiod/s1600/atul+gaur+photo11.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4YdhLe8IHz5mktkp3yNhotP-WfjpWCBuewaVfU9OWASkiLEgxQl2U1mby3XgGjlaLXhkgpZi2Jctwd-6LFJHZVxMQRqTPMOGAYHrBKkkdAIfp9Nx6yxVUryQXYDcZVaNn_pyfqrLAAiod/s72-c/atul+gaur+photo11.jpg
"कविता" हिंदी ,साहित्य ,संवाद ,कहानी ,,लेख आलेख NETCOOK NEWS
http://www.netcooknews.com/2016/11/blog-post.html
http://www.netcooknews.com/
http://www.netcooknews.com/
http://www.netcooknews.com/2016/11/blog-post.html
true
4771959473874979329
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy